Ayurvedic significance of getting up in Brahma Muhurta(ब्रह्म मुहूर्त में उठने का आयुर्वेदिक महत्व)

अवलोकन

आयुर्वेद के अनुसार रात्रि काल के अंतिम चरण को ब्रह्म मुहूर्त के नाम से जाना जाता है ।आयुर्वेद में इस मुहूर्त की अलग ही विशेषता बताई गयी है ।अगर इस समय में आप अपनी नींद को छोड़ देते हैं तो यह आपके लिए उत्तम माना गया है।प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार यह समय आपको बल ,बुद्धि,विद्या ,स्वस्थ शरीर और प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करने वाला होता है ।आयुर्वेद विद्या के अनुसार सूर्य के निकलने से डेढ़ या दो घण्टे पहले निद्रा का त्याग कर देना आपके लिए फायदेमंद होता है ।अगर आप इस ब्रह्म मुहूर्त में सोए रहते हैं तो यह आयुर्वेद में प्राकृतिक नियमों के विरुद्ध होता है ।

Benefits of Waking Up In the Brahma Muhurta

आयुर्वेद में बताया गया है कि ब्रह्म का मतलब होता है परमात्मा और मुहूर्त का अर्थ होता है सही समय ।आयुर्वेद विद्या में रात्रि काल का अंतिम चरण सुबह ४ बजे से ५ बजे तक ब्रह्म मुहूर्त का समय माना गया है

आयुर्वेद में कहा गया है कि :– “ब्रह्ममुहूर्ते या निद्रा सा पुण्यक्षयकारिणी”।
अर्थात –ब्रह्म मुहूर्त में निद्रा पुण्य का नाश करने वाली होती है ।

सिख धर्म के ग्रंथों में ब्रह्म मुहूर्त के समय के लिए एक अद्भुत नाम दिया गया है –अमृत वेला “,इस शब्द से ब्रह्म मुहूर्त का महत्व अपने आप ही पता चल जाता है ।सिख धर्म के अनुसार परमात्मा को याद करने का सबसे उत्तम समय ।अगर ब्रह्म मुहूर्त के समय में व्यक्ति निद्रा त्याग देता है तो वह प्राकृतिक सौंदर्य, बुद्धि ,धन और स्वस्थ शरीर प्राप्त करने वाला होता है।अगर वह ऐसा नियमित रूप से करता है तो उसका मस्तिष्क शांत और उसकी काया शुद्ध बनी रहती है ।

आयुर्वेद विद्या के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में निद्रा त्याग करना आपके भविष्य के लिए फायदेमंद साबित होता है ।अगर आप ऐसा करते हैं तो आपका शरीर बीमारी से मुक्त और दिन भर चुस्त बना रहता है ।अगर आप दिनचर्या में इसको जोड़ लें तो आपको कभी किसी औषधि का सेवन करने कि आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।इसके लिए आपको बस अपनी ब्रह्म मुहूर्त कि निद्रा को त्यागना होगा ।

आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त का महत्व

प्राचीन विश्वविख्यात ग्रन्थ रामायण के अनुसार सीता माता के हरण के बाद उनको ढूढ़ने के लिए भगवान हनुमान जी ब्रह्म मुहूर्त के समय ही अशोक वाटिका में पहुंचे थे ।उसके बाद वहां हनुमान जी ने सूर्य मन्त्र और वेद के मन्त्रों के उच्चारण को सुना था ।

प्राचीन शास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में जागने का महत्व :
वर्णं कीर्तिं मतिं लक्ष्मीं स्वास्थ्यमायुश्च विदन्ति ब्राह्मे मुहूर्ते संजाग्रच्छि वा पंकज यथा॥

अर्थात –इस श्लोक में बताया गया है कि अगर व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में निद्रा त्याग करता है तो उसको सुंदरता ,धन ,बुद्धि ,स्वस्थ शरीर ,दीर्घ आयु आदि की प्राप्ति होती है ।अगर आप ऐसा नियमित रूप से करते हैं तो आपके शरीर की काया कमल के समान सुंदर और कोमल हो जाती है ।

वनस्पति और ब्रह्म मुहूर्त में गहरा संबंध :

आयुर्वेद के अनुसार वनस्पति और ब्रह्म मुहूर्त का आपस में बहुत गहरा संबंध है क्योकि हर सुबह इस समय पर पशु ,पक्षी और पेड़ पौधे जग जाते हैं ।ब्रह्म मुहूर्त में उनकी मधुर आवाज सुनी जा सकती है ।ब्रह्म मुहूर्त के समय में वनस्पति भी चुस्त हो जाती है और अपनी इस परम्परा के अनुसार वो लोगों को सन्देश देती है कि ब्रह्म मुहूर्त में उठना ही आपके लिए लाभकारी होता है ।

ब्रह्म मुहूर्त में उठने के व्यावहारिक लाभ :

आयुर्वेद के अनुसार व्यावहारिक रूप से भी ब्रह्म मुहूर्त में उठने से लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं।ब्रह्म मुहूर्त का समय आपको स्वस्थ शरीर ,दिन भर चुस्ती और शारीरिक ऊर्जा देने वाला साबित होता है ।अगर आप नियमित रूप से ऐसा करते हैं तो यह प्रयोग पिछले दिन कि थकान और चिंता को दूर कर मानसिक शांति और ऊर्जा प्रदान करने वाला होता है । ब्रह्म मुहूर्त के समय परमात्मा को याद करना ,ध्यान ,आरती,शारीरिक काया और बुद्धि को बल देने वाला साबित होता है ।

Secrets of BRAHMA MUHURATA

आयुर्वेद के अनुसार दिनचर्या :

सुबह के 3 बजे से 4 बजे का समय :

आयुर्वेद विद्या के अनुसार इस समय में व्यक्ति कि जीवन शक्ति फेफड़ों के अंदर होती है इसलिए गुनगुना पानी पीकर प्राकृतिक वातावरण में घूमना आपके लिए लाभदायक होता है ।अगर आप इस समय में श्वास को लम्बा खींचते और छोड़ते हैं तो यह प्रयोग आपके फेफड़ों के लिए फायदेमंद हो सकता है। ब्रह्म मुहूर्त के समय उठने वाला व्यक्ति तेज बुद्धिवाला और अपने काम के प्रति सक्रिय रहने वाला होता है ।

सुबह 4 बजे से 6 बजे का समय :

इस समय में आपके शरीर की जीवन शक्ति आंतों के अंदर होती है इसलिए इस समय में मल त्याग और प्रातः स्नान कर लेना उचित रहता है ।आयुर्वेद के अनुसार अगर कोई व्यक्ति ७ बजे के बाद मल त्याग करते हैं तो वह मल आंतों के अंदर ही सूख जाता है जिससे आपके शरीर में पेट दर्द ,गैस ,कब्ज और अल्सर जैसी बीमारियां उत्पन हो जाती हैं जो आपके लिए खतरा साबित हो सकती हैं ।

सुबह 6 बजे से 9 बजे का समय :

आयुर्वेद के अनुसार इस समय में जीवन शक्ति आपके आमाशय के अंदर होती है इस समय में आपके लिए भोजन का सेवन करना फायदेमंद साबित होता है क्योकि इस समय में शरीर पाचक रस भरपूर मात्रा में बनता है ।अगर आपको भोजन के साथ पानी की आवश्यकता पड़े तो बीच बीच में गुनगुना पानी पी सकते हैं ।

रात्रि 9 बजे से 11 बजे का समय :

इस समय में जीवन की शक्ति सम्पूर्ण रूप से रीढ़ की हड्डी में होती है ।अगर आप इस मस्य में निद्रा ग्रहण करते हैं तो आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।अगर आप इस समय को जग कर बर्बाद करते हैं तो यह आपकी बुद्धि को कमजोर करने वाला होता है ।इस समय में किया गया भोजन अपचय रहता है जो ऐसे ही शरीर में पड़ा रहता है और आपकी आंतों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है ।

ध्यान दें

आज कल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी ,गलत खान पान और खराब दिनचर्या की वजह से व्यक्ति जल्दी बीमार पड़ जाता है । अगर आप अपनी दिनचर्या को सही बना लें और अपने खान पान का ध्यान रखें तो शरीर को अनेक बिमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं ।

Dr. Vikram Chauhan

https://www.planetayurveda.com

Dr. Vikram Chauhan (MD - Ayurveda) is a Globally Renowned Ayurveda Physician with Expertise of more than 25 Years. He is the CEO & Founder of http://www.PlanetAyurveda.com, a leading Ayurveda Brand, Manufacturing, and Export Company with a Chain of Clinics and Branches in the US, Europe, Africa, Southeast Asia, India, and other parts of the World. He is also an Ayurveda Author who has written Books on Ayurveda, translated into Many European Languages. One of his Books is "Ayurveda – God’s Manual for Healing". He is on a Mission to Spread Ayurveda All Over the Planet through all the Possible Mediums. With his Vast Experience in Herbs and their Applied Uses, he is successfully treating Numerous Patients suffering from Various Ailments with the help of the Purest Herbal Supplements, Diet, and Lifestyle, according to the Principles of Ayurveda. For More Details, visit - www.planetayurveda.com, www.alwaysayurveda.com

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