August 28, 2019
Benefits and Ayurvedic Properties of Asafoetida(आयुर्वेदिक गुणों से सम्पन्न हींग)
आयुर्वेदिक गुणों से सम्पन हींग
आयुर्वेद के अनुसार हींग एक चिकना और चिपचिपा पदार्थ होता होता है ।प्राचीन काल से ही हींग का इस्तेमाल अनेक रोगों के रोकथाम के लिए आयुर्वेदिक औषधियाँ बनाने के लिए किया जाता रहा है ।आयुर्वेद चिकित्सा में इसको हिंगु के नाम से भी जाना जाता है ।
हींग का परिचय
अनेक औषधीय गुणों से सम्पन हींग का पौधा भूमध्यसगरीय भागों और एशिया के कुछ देशों में विकसित होता है ।पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए यह रामबाण औषधि मानी जाती है ।औषधीय गुणों से भरपूर यह पौधा भारत देश के पंजाब ,राजस्थान और कश्मीर के कुछ भागों में उगाया जाता है ।भारत देश की हर रसोई के अंदर हींग का इस्तेमाल भोजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए एक मसाले के रूप में किया जाता है ।यह प्राकृतिक पौधा ४ से ५ मीटर तक ऊँचा हो सकता है ।हींग के पौधे की जड़ को बहुत ही कीमती माना जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार हींग के पौधे की जड़ को अच्छे से सूखा कर हींग बनाई जाती है ।अगर हींग का सेवन सही तरिके से किया जाए तो यह शरीर को स्वस्थ रखने के साथ -साथ अनेक गंभीर बिमारियों से बचाए रखने में मददगार साबित होता है ।इस लेख में हम हींग के आयुर्वेदिक गुणों के बारे में जानेगें जो बिमारियों की रोकथाम में सहायक साबित होते हैं ।
व्याख्या-
इस श्लोक में कहा गया है कि हींग उष्णवीर्य ,पाचक ,रुचिकर ,तीक्ष्ण ,वात दोष को संतुलित रखने वाली ,शूल ,गुल्म ,उदर संबंधित रोग ,अनाह और त्वचा रोगों को नष्ट करने में सहायक साबित होती है
संदर्भ– भावप्रकाश निघण्टु ,(हरितक्यादिवर्ग ),श्लोक -१०१ ।
आइये जानते हैं इसके लाभकारी आयुर्वेदिक गुणों के बारे में :
पेट की समस्याओं में फायदेमंद
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को पेट से संबंधित कोई भी बीमारी है जैसे कब्ज ,गैस ,पेट दर्द और अल्सर आदि ।इन सभी में हींग का इस्तेमाल फायदेमंद माना जाता है ।हींग के अंदर बहुत ज्यादा मात्रा में एंटी आक्सीडेंट,एंटी इंफ्लेमेंटरी और एंटी बैक्टीरियल जैसे महत्वपूर्ण गुण पाए जाते हैं जो आपके पेट में हानिकारक बैक्टीरिया ,संक्रमण ,अपच और पेट की बिमारियों को खत्म करने में मददगार साबित होते हैं ।इसके इस्तेमाल के लिए आपको आधा गिलास पानी के अंदर कुछ टुकड़े हींग के डालकर पानी को उबाल लें और जब पानी गुनगुना सा रह जाए और हींग पानी में घुल जाए तो इस पानी का सेवन खाना खाने के १ घंटे बाद सुबह और शाम सेवन करने से आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त बनी रहती है और पेट अनेक बिमारियों से सुरक्षित बना रहता है ।
श्वांस नली को रखे स्वस्थ
अगर किसी भी मनुष्य को श्वांस से संबंधित कोई समस्या है तो उसको हींग का सेवन करना लाभदायक होता है ।आयुर्वेद के अनुसार हींग में एंटी इंफ्लेमेटरी ,एंटी बैक्टीरियल गुण आपकी श्वांस नली को हानिकारक संक्रमण से बचाए रखने में मददगार साबित होते हैं । हींग का नियमित सेवन आपको खांसी ,बलगम ,अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बिमारियों से सुरक्षित रखने में सहायक साबित होता है ।इसके उपयोग के लिए आपको हींग का सेवन भोजन के अंदर मसाले के रूप में रोजाना करने से आप श्वांस से संबंधित बिमारियों से बचे रहते हैं ।
मासिक चक्र में लाभदायक
स्त्राव और बहुत ज्यादा दर्द को दूर करने में उत्तम औषधि साबित होती है ।इसके उपयोग के लिए महिलाओं को आधा गिलास लस्सी के अंदर २ से ३ ग्राम हींग चूर्ण ,२ ग्राम सैंधा नमक का मिश्रण करके सुबह और शाम खाना खाने के १ घंटे बाद सेवन करने से मासिक चक्र से संबंधित समस्याएं बहुत जल्दी दूर हो जाती है ।आयुर्वेद के अनुसार यह प्रयोग महिलाओं के लिए वरदान साबित होता है ।आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार हींग का सेवन महिलाओं के लिए रामबाण औषधि माना जाता है ।महिलाओं को मसिकल चक्र के दौरान होने वाली समस्याएं जैसे मासिक चक्र की अनियमितता ,अत्यधिक रक्त
दांत दर्द को दूर करने में सहायक :
हींग को दांत का दर्द दूर करने की महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है ।इसके अंदर एंटी ऑक्सीडेंट ,एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेंटरी जैसे लाभदायक गुण पाए जाते हैं जो आपको हानिकारक संक्रमण से बचाए रखने में मददगार साबित होते हैं ।दांत दर्द से परेशान व्यक्ति को एक छोटा सा टुकड़ा हींग का रख लेने से दर्द बहुत जल्दी खत्म हो जाता है ।
कैंसर को दूर करने में मददगार :
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार हींग को अनेक औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है और इसके अंदर एंटी आक्सीडेंट गुण की मात्रा बहुत ज्यादा पाई जाती है । यह आपके शरीर में रक्त को शोधन करने के अलावा उसको संतुलित रखने में सहायक साबित होती है ।हींग का नियमित सेवन शरीर के अंदर कैंसर की कोशिकाओं को बहुत जल्दी नष्ट कर देता है ।इसके इस्तेमाल के लिए आपको रोजाना आधा जिसे पानी के अंदर कुछ टुकड़े हींग के डालकर पानी को उबाल लेना चाहिए और पानी के गुनगुना होने पर उसका सेवन करना लाभकारी माना गया है ।
नपुंसकता को दूर करने में सहायक :
आयुर्वेद के अनुसार अगर कोई व्यक्ति यौन कमजोरी के कारण नपुंसकता से ग्रसित हो गया है तो उसको हींग का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है ।इसके उपयोग के लिए आपको ५ से ६ ग्राम हींग को देसी गाय के घी में फ्राई कर लेना चाहिए अब इसके अंदर बरगद से प्राप्त होने वाले दूध के समान तरल पदार्थ की २ से ३ बूंदों का मिश्रण करके रात को सोने से पहले देसी गाय के दूध के साथ सेवन करने से नपुंसकता की समस्या बहुत जल्दी दूर हो जाती है ।आर्वेदिक चिकित्सायु के अनुसार यह प्रयोग नपुंसकता को बहुत जल्दी खत्म करने और यौन शक्ति को तेजी से बढ़ाने में बहुत ज्यादा मददगार साबित होता है ।
शुगर को रखे संतुलित:
आज कल की खराब दिनचर्या और गलत खान पान की वजह से शुगर की बीमारी आज सामान्य सी हो गयी है ।शुगर से पीड़ित व्यक्ति को हींग का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है ।यह आपके शरीर में रक्त के अंदर इन्सुलिन की मात्रा को कम कर शुगर को संतुलित रखने में मददगार साबित होती है ।इसके सेवन के लिए आपको हींग का इस्तेमाल भोजन के अंदर मसाले के रूप में नियमित रूप से करना चाहिए, इस से आप शुगर की बीमारी से सुरक्षित रहते हैं ।यह प्रयोग शरीर में शुगर को सामान्य बनाए रखता है ।