August 24, 2019
Importance of Bamboo Plant You Must Know(बांस एक महत्वपूर्ण पौधा)
बांस एक महत्वपूर्ण पौधा
बांस का पौधा भारत देश के हर क्षेत्र में पाया जाता है ।इस पौधे कि लम्बाई २० से ३० मीटर तक हो सकती है ।बांस के पत्तों का आकार भी लम्बा होता है ।प्राचीन काल से ही बांस का पौधा आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह अनेक औषधीय गुणों से भरपूर होता है परन्तु आज इसके गुणों के बारे में कोई नहीं जानता । यह पौधा आपके लिए स्वास्थ्यवर्धक साबित होता है।
आयुर्वेद के अनुसार
आयुर्वेद के अनुसार बांस का पौधा ग्रीष्म ऋतू में फल और फूलों से खिल उठता है ।बांस के पौधे में फूल पूरे जीवन काल में एक बार ही आते हैं परन्तु बांसों की कुछ प्रजातियां हैं जिनमे फूल ३ से ४ साल के अंदर आते हैं ।बांस की तासीर ठंडी होती है और यह स्वाद में मीठा ,तीखा और कड़वा होता है ।यह आपके शरीर में कफ और पित्त दोष को संतुलित रखने वाला होता है ।आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार बांस के पौधे की कोंपलों के अंदर पर्याप्त मात्रा में विटामिन ,प्रोटीन ,कैल्शियम ,मैग्नीशियम ,फास्फोरस ,जिंक जैसे आवश्यक खनिज पदार्थों के साथ साथ अनेक पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो आपके शरीर को अनेक बिमारियों से दूर रखते हैं और शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में भी लाभकारी साबित होते हैं ।इस लेख में हम बांस के लाभदायक गुणों के बारे जानेगें ।
व्याख्या
इस श्लोक में कहा गया है कि बांस के चावल सारक,रुक्ष ,कषाय रस से युक्त ,पाक में कटु रस युक्त ,वात और पित्त को संतुलित रखने वाले,उष्णवीर्य ,मूत्राशय रोगों को दूर करने वाले तथा कफ दोष को संतुलित रखने वाले होते हैं ।
संदर्भ- भावप्रकाश निघण्टु ,(गुडुच्यादिवर्ग ),श्लोक -१५६ ।
बांस के औषधीय गुण आइये जानते हैं :-
सिरदर्द के लिए लाभकारी
आज कल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी और अत्यधिक कार्य की वजह से बार बार सिरदर्द होना सामान्य बात है परन्तु आयुर्वेद के अनुसार इस समस्या को बांस के इस्तेमाल से दूर किया जा सकता है इसके लिए आपको बांस की जड़ से २ चम्मच रस निकालकर इसके अंदर १ से २ गिरी अखरोट डालकर इस मिश्रण को अच्छे से पीसकर गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से सिरदर्द की समस्या बहुत जल्दी दूर हो जाती है ।
कान के दर्द को दूर करने में सहायक
एक शोध के अनुसार ऐसा देखा गया है कि खांसी और जुकाम की वजह से अनेक बार कान में दर्द होने लगता है इस दर्द को दूर करने के लिए आपको बांस का इस्तेमाल करना फायदेमंद साबित होता है ।इसके इस्तेमाल के लिए बांस की जड़ों से रस निकालकर उसके अंदर बराबर मात्रा में अदरक का रस और दही का मिश्रण कर लें अब इस मिश्रण की २ बूंदे कान के अंदर डालने से आपको वेदना में बहुत जल्दी आराम पहुँचता है
फेफड़ों के लिए फायदेमंद
आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार फेफड़ों को बिमारियों से मुक्त रखने के लिए आपको बांस का सेवन करना लाभकारी औषधि साबित होता है । बांस का उपयोग फेफड़ों के अंदर आई सूजन और उसके हानिकारक संक्रमण को रोकने में मदद करता है ।इसके उपयोग के लिए आपको बांस की पत्तियों का अर्क तैयार करके उससे सुबह और शाम गरारे करने चाहिए, इस से आपके फेफड़े बिमारियों से सुरक्षित रहते हैं ।इस प्रयोग का नियमित इस्तेमाल खांसी ,जुकाम और गले के रोगों में भी फायदेमंद होता है ।
बवासीर को खत्म करे
आज के समाज में खराब दिनचर्या और गलत खान पान जैसे फ़ास्ट फ़ूड और तला हुआ भोजन आदि इन सभी की वजह से आपकी पाचन शक्ति खराब हो जाती है जो आपके शरीर में बवासीर जैसी बिमारियों को उत्पन कर देती है। इस बीमारी को दूर करने के लिए बांस की जड़ का काढ़ा तैयार करके उसके साथ गूदे को साफ करने से बवासीर की बीमारी बहुत जल्दी खत्म हो जाती है ।आयुर्वेद के अनुसार यह प्रयोग बवासीर की असहनीय बीमारी को दूर करने की अच्छी औषधि साबित होता है ।
शुगर करे संतुलित
आधुनिक चिकित्सा के अनुसार लोगों के गलत खान पान और अत्यधिक मानसिक तनाव की वजह से शरीर के अंदर शुगर की मात्रा बढ़ जाती है जो आगे चल कर आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती है। इस समस्या को दूर करने और शरीर को शुगर को संतुलित रखने के लिए बांस का इस्तेमाल करना उपयोगी साबित होता है ।इसके इस्तेमाल के लिए आपको बांस की पत्तियों के काढ़े का नियमित रूप से सेवन करना आपके शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को कम कर शुगर को संतुलित रखने में सहायक साबित होता है।
मूत्राशय के लिए रामबाण औषधि:
अगर आपको मूत्राशय से संबंधित कोई भी समस्या है जैसे ,पेशाब का रुक रुक के आना ,पेशाब करते समय जलन होना ,मूत्राशय में दर्द होना आदि, इन सभी परेशानियों में आपको बांस का सेवन करना बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होता है ।इसके लिए बांस की जड़ से काढ़ा तैयार करके सुबह खाली पेट प्रयोग करने से आपकी मूत्राशय से संबंधित हर समस्या खत्म हो जाती है ।इस प्रयोग का नियमित सेवन मूत्र प्रवाह को बढ़ाने वाला होता है जिससे आपके शरीर से हानिकारक बैक्टीरिया बहार निकल जाता है।
मासिक चक्र में लाभकारी
एक शोध के अनुसार महिलाओं को मासिक चक्र से सम्बंधित अनेक बीमारियां ग्रसित कर देती हैं जैसे कि अत्यधिक रक्तस्त्राव ,असहनीय दर्द ,मासिक चक्र की अनियमितता आदि इन सभी परेशानियों को दूर करने के लिए आपको बांस का उपयोग करना फायदेमंद साबित होता है ।इसके उपयोग के लिए आपको बांस के पत्तों से काढ़ा तैयार करके उसको सुबह खाली पेट सेवन करना मासिक चक्र से संबंधित हर समस्या को दूर करने के साथ साथ पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखने में सहायक होता है
अल्सर रोग को खत्म करने में सहायक
अगर आप अल्सर की बीमारी से ग्रसित है तो आपको बांस का काढ़ा का उपयोग करना लाभकारी साबित होता है । इसके लिए बांस की जड़ से काढ़ा तैयार करके उसके साथ अल्सर के घाव को साफ करने से घाव जल्दी भरने लगता लगता है ।इस प्रयोग का नियमित इस्तेमाल सूजन को खत्म करने के साथ साथ शरीर को त्वचा रोगों से बचाए रखने में सहायक होता है ।