Medicinal Properties of Java Plum(जामुन के औषधीय फायदे)

परिचय

जामुन एक बहुत ही लाभकारी और प्राकृतिक गुणों से भरपूर जड़ी बूटी होती है ।भारत देश में जामुन का पेड़ भरपूर मात्रा में पाया जाता है ।प्राचीन काल में भारत को जम्बूद्वीप के नाम से जाना जाता था जिसका अर्थ है ऐसा द्वीप जहाँ पर जम्बू के पेड़ की मात्रा बहुत ज्यादा हो ।आयुर्वेद में जामुन का एक नाम जम्बूफल भी है ।अगर जामुन का मौसम के अनुसार सेवन किया जाए तो यह आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक साबित होता है।

जामुन को ग्रीष्म ऋतु में पौधे से प्राप्त किया जा सकता है ।प्राचीन काल से ही जामुन के पौधे से प्राप्त छाल,जड़ ,फूल ,फल और पत्तों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां बनाने के लिए किया जाता रहा है । जामुन का रंग काला और गुलाबी होता है ।इस फल को बरसात में प्राप्त किया जा सकता है । जामुन का नियमित सेवन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को दूर करने में असरदार साबित होता है।

जामुन के अंदर ग्लूकोज ,कैल्शियम ,मैग्नीशियम ,पोटेशियम ,आयरन ,फास्फोरस ,जिंक और सोडियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज पदार्थों की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो आपके शरीर को बिमारियों से बचाये रखने में आवश्यक होते हैं ।इस लेख में हम जामुन के औषधीय फायदों के बारे में विस्तार से जानेगें ।

Health Benefits of Indian Blackberry

व्याख्या

इस श्लोक में कहा गया है कि जामुन हृदय और आँखों के लिए उपयोगी, सर्दी को दूर करने वाली,पित्त दोष को संतुलित रखने वाली ,कामोत्तेजना को बढ़ाने वाली और सिरदर्द को दूर करने वाली होती है ।

संदर्भ- धन्वंतरि निघण्टु,(चंदनादिवर्ग),श्लोक -४० ।

आइये जानते हैं जामुन के औषधीय फायदों के बारे में

शुगर को संतुलित रखने में सहायक

आयुर्वेद पद्धति के अनुसार शुगर को कम करने की सबसे उत्तम जड़ी बूटी जामुन की गुठली को माना गया है। जामुन की गुठली का सेवन आपके शरीर में शुगर को बढ़ने से रोकने में सहायक साबित होता है और शुगर की मात्रा को शरीर में संतुलित बनाए रखता है । अगर मौसम के अनुसार जामुन का सेवन नियमित रूप से किया जाए तो आपकी शुगर की बीमारी को खत्म किया जा सकता है ।जामुन की गुठली को अच्छे से पीसकर उस चूर्ण का आधा चम्मच रोजाना सुबह खाना खाने के १ घण्टे बाद गुनगुने पानी के साथ सेवन करना आपके शुगर को कम करने के साथ साथ उसको शरीर में संतुलित रखने में सहायक साबित होता है ।

त्वचा को रखे साफ और स्वस्थ

एक शोध के अनुसार जामुन के अंदर एंटीबैक्टीरियल गुण भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो आपके शरीर में हानिकारक संक्रमण को रोकने में लाभकारी साबित होता है ।आयुर्वेद के अनुसार त्वचा रोगों को दूर करने और त्वचा को प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करने में जामुन असरदार साबित होता है ।अगर किसी व्यक्ति के चहरे पर सफेद दाग या फिर फुन्सी हो गयी हैं तो उनके लिए जामुन का उपयोग करना बहुत अच्छा होता है।त्वचा रोग से पीड़ित व्यक्ति को जामुन की गुठली को पानी के साथ पीसकर उस लेप को त्वचा पर लगाने से उनकी समस्या बहुत जल्दी दूर हो जाती है ।यह प्रयोग आपकी त्वचा को प्राकृतिक निखार देने में सहायक होता है

पेट की बिमारियों में फायदेमंद :

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार पेट की बिमारियों को दूर करने की सबसे अच्छी औषधि जामुन को माना गया है ।अगर आप पेट की किसी भी बीमारी से ग्रसित हैं तो आपको रात को खाना खाने के १ घण्टे बाद १०० से १५० ग्राम जामुन का नियमित रूप से सेवन करना फायदेमंद होता है ।कब्ज ,गैस ,पेट दर्द और अल्सर से पीड़ित व्यक्ति को अगर सुबह खाली पेट जामुन के पेड़ की छाल का काढ़ा सेवन कराया जाए तो उसके लिए लाभकारी साबित हो सकता है ।

रक्त की मात्रा को बढ़ाने में सहायक

जामुन के अंदर आयरन और विटामिन की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो आपके शरीर में रक्त की कमी को पूरा करने में लाभकारी साबित होती है ।अगर किसी भी व्यक्ति के शरीर में रक्त की कमी है तो उसको मौसम के अनुसार नियमित रूप से १०० ग्राम जामुन का सेवन रात को खाना खाने के १ घण्टे बाद सेवन करना शरीर में रक्त की कमी को बहुत जल्दी पूरा करने में सहायक साबित होता है ।इस प्रयोग का नियमित सेवन शरीर में रक्त को शुद्ध और संतुलित रखने के साथ साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक साबित होता है
Health Benefits of Indian Blackberry

हृदय रोगों में लाभकारी :

हृदय रोगों में साँस फूलना ,त्वचा का नीला पड़ जाना ,दिल का दौरा,दिल की धड़कन बढ़ जाना, अत्यधिक थकान का अनुभव और रक्त का शरीर में सही रूप से संचारित न होना आदि लक्षण पाए जाते हैं इन सभी समस्याओं को दूर करने और हृदय को मजबूत बनाए रखने के लिए आपको नियमित रूप से जामुन का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है । जामुन के अंदर पोटेशियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है जो आपके हृदय को रोगों से बचाये रखने में असरदार साबित होती है ।यह प्रयोग आपको उच्चरक्तचाप जैसी बिमारियों को दूर करने में भी मददगार होता है ।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक :

आधुनिक चिकित्सा के अनुसार ऐसा अक्सर देखा गया है कि अगर किसी की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो उसको बीमारियां बहुत जल्दी ग्रसित कर देती हैं जैसे खांसी ,जुकाम ,सर्दी ,पेट दर्द ,हृदय रोग ,किडनी की बीमारियां ,पेट की समस्याएं आदि । इन सभी बिमारियों को दूर करने, अपने शरीर की कोशिकाओं को मजबूत बनाए रखने के लिए और अपने शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के लिए आपको मौसम के अनुसार नियमित रूप से जामुन का सेवन करना आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने में सहायक साबित होता है

हानिकारक संक्रमण को दूर रखे :

आयुर्वेद के अनुसार जामुन के अंदर रोगाणुनाशक ,संक्रमणनाशक ,मलेरियानाशक जैसे महत्वपूर्ण गुण पाए जाते हैं जो आपके शरीर को हानिकारक संक्रमण से दूर करने में सहायक साबित होते हैं ।अगर आपको सामान्य संक्रमण हो गया है तो उसको दूर करने के लिए आपको जामुन का सेवन नियमित रूप से करना लाभकारी साबित हो सकता है ।आयुर्वेद में यह प्रयोग हानिकारक संक्रमण को रोकने की रामबाण औषधि माना गया है ।

Dr. Vikram Chauhan

https://www.planetayurveda.com

Dr. Vikram Chauhan (MD - Ayurveda) is a Globally Renowned Ayurveda Physician with Expertise of more than 25 Years. He is the CEO & Founder of http://www.PlanetAyurveda.com, a leading Ayurveda Brand, Manufacturing, and Export Company with a Chain of Clinics and Branches in the US, Europe, Africa, Southeast Asia, India, and other parts of the World. He is also an Ayurveda Author who has written Books on Ayurveda, translated into Many European Languages. One of his Books is "Ayurveda – God’s Manual for Healing". He is on a Mission to Spread Ayurveda All Over the Planet through all the Possible Mediums. With his Vast Experience in Herbs and their Applied Uses, he is successfully treating Numerous Patients suffering from Various Ailments with the help of the Purest Herbal Supplements, Diet, and Lifestyle, according to the Principles of Ayurveda. For More Details, visit - www.planetayurveda.com, www.alwaysayurveda.com

View more posts from this author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *