सोंठ – अदरक का शुष्क रूप – विभिन्न रोगों में सोंठ के लाभ

सोंठ जिसे संस्कृत में शुण्ठी भी कहा गया है, अदरक का एक शुष्क रूप होता हैं।अदरक को सुखा कर बारीक़ पाउडर बनाकर सोंठ को तैयार किया जाता है। सोंठ खाने में तीखा, और बहुत ही अच्छी सुगंध वाली जड़ी-बूटी होती है। यह सफ़ेद रंग का होता है, और इसका बारीक़ पाउडर बनाकर एक वर्ष तक सहज रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं। सोंठ एक गुणकारी औषधि है जिसे कई वर्षो से घरेलु मसालों में प्रयोग किया जा रहा है हैं। सोंठ में एंटी बैक्टीरियल (Anti-bacterial) और एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) गुण होते हैं जिससे की यह कई बीमारियों को ठीक करने में कारगर साबित हुई है|

विभिन्न रोगों में सोंठ के लाभ

सोंठ हमारे शरीर की अनेक बीमारियों को दूर करने में सहायक है, जैसे कि शरीर का दर्द, त्वचा रोग, जुखाम, पेट की जलन, सिरदर्द, छाती का दर्द, सूजन, कैंसर के लक्षण, मधुमेह, दाँत दर्द, पेट फूलने की समस्या, आदि।

चरक सूत्र में अदरक के लिए कहा भी गया है

रोचनं दीपनं वृष्यमार्द्रकं विश्वभेषजम् ।

वातश्लेष्मविबन्धेषु रसस्तस्योपदिश्यते।।

                                    च.सू.२७/१६६

अर्थात् अदरक रूचिकारक, जठराग्नि प्रदीपक और वीर्यवर्द्धक होती है। इसका रस वात और कफ के कारण होने वाले विबंधो को नष्ट करने में उपयोगी कहा गया है।

विभिन्न रोगों में सोंठ के लाभ

1. सिरदर्द में सोंठ का लाभ

सोंठ का हमारे खान-पान में बहुत महत्व है अतः सिरदर्द में सोंठ का प्रयोग गुणकारी माना गया है। पानी के साथ सोंठ का पेस्ट बनाकर माथे पर लगाने से सिरदर्द से राहत मिलती है। दो छोटे चम्मच सोंठ को गर्म पानी में डालकर पीने से माइग्रेन जैसी गंभीर बीमारी से भी निजात मिलती है।

2. सामान्य ठंड में सोंठ के फायदे

कभी-कभी ज्यादा ठंड के कारण हमे सर्दी जुकाम हो जाता है और सीने में दर्द भी रहता है। इस स्थिति में सोंठ की चाय बना कर पिएं अन्यथा सोंठ के साथ गुड मिला कर सेवन करें। सोंठ को कपड़े में बाँधकर सिकाई करने से शारीरिक दर्द में भी लाभ मिलेगा।

3. वजन कम करने में सोंठ का उपयोग

हमारे जीवन में सोंठ के सेवन का एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह वजन कम करने में अत्यंत लाभकारी औषध है। इसके लिए सोंठ को एक कप गर्म पानी में अच्छे से मिलाकर प्रतिदिन इसका सेवन करना चाहिए। इस मिश्रण के साथ शहद का प्रयोग भी लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

4. अपच की समस्या को दूर करता है सोंठ

हमारे पथ्य एवं मात्रा सीमित आहार का सेवन न करने से अपच जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है जिससे भूख ना लगना, अरुचि, उल्टी आना आदि विकारों का भी व्यक्ति को सामना करना पड़ता है ऐसे में सोंठ का प्रयोग हमारे लिए गुणकारी है। सोंठ और गुड़ का काढा बनाकर पीने से अपच को दूर किया जा सकता है|

5. गठिया रोग में सोंठ का प्रयोग

आधुनिक युग में व्यक्ति की बढ़ती आयु के साथ-साथ अनेक रोगों का खतरा भी बढ जाता है। गठिया रोग एक ऐसा ही विकार है जिसमें प्राणी को जोड़ों के दर्द, हाथों पैरों की सूजन जैसी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। अतः इस अवस्था में शुण्ठी का इस्तेमाल करना अत्यंत फायदेमंद होता है। सोंठ को पीसकर इसका लेप बनाएं और प्रयोग करें, यह उपचार आमवात एवम् संधिशोथ आदि में लाभप्रद है। इसके अलावा उबले हुए पानी के साथ शहद और शुण्ठी चूर्ण को मिलाकर पीने से गठिया में लाभ होता है|

6. पेट संबंधी विकारों में सोंठ का प्रयोग

पेट की समस्या एक बड़ी समस्या है क्योंकि व्यक्ति की पाचन प्रणाली के खराब होने से उसे अनेक बिमारियों का सामना कर पड़ सकता है। सोंठ और हरड को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर एवम् इसमें सेंधा नमक डाल कर सेवन करने से पेट संबंधी प्रत्येक विकार से मुक्ति मिलती है।

7. मधुमेह में सोंठ के फायदे

हम सभी जानते हैं कि मधुमेह एक गंभीर समस्या है जिससे आज के समय में वयस्क से लेकर बुजुर्ग तक सभी ग्रसित हैं। अतः इस बीमारी को हम कुछ घरेलू उपायों से ठीक कर सकते है। जिनमें से एक है नमक अथवा सेवन पानी के साथ सोंठ का सेवन करना।

8. वात रोगों में सोंठ का लाभ

सोंठ में अदरक की तरह सारे गुण होते है। उष्ण वीर्य होने के कारण यह कफवात शामक है। यह समस्त वातव्याधियों के लिए एक लाभकारी औषधी है।

9. खांसी जुकाम में सोंठ के गुण

खांसी-जुखाम को लोग आम बीमारी मानते है, लेकिन सही समय पर इलाज न हो तो ये बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है। ऐसे मे सोंठ का प्रयोग बहुत ही गुणकारी है। तीन ग्राम सोंठ, छ: से सात तुलसी के पत्ते, पांच से सात दाने काली मिर्च, 250 मिलीलीटर पानी में पकाकर, चीनी मिलाकर गर्म-गर्म पीने से खांसी, जुखाम और सिरदर्द दूर हो जाता है।

महत्वपूर्ण निर्देश

उष्ण होने के कारण पितजन्य रोगों में सोंठ का प्रयोग यद्यपि कम अथवा पूर्णत वर्जित करना चाहिए। अन्य रोगों में उपयोग करने हेतु भी इसकी मात्रा का विशेष ध्यान रखें।